भाषाओं में सर्वश्रेष्ठ हूँ मैं ,
ज्ञानियों का अभिमान हूँ मैं,
हर भाव के लिए शब्द है मुझमें
हर शब्द के अलग अर्थ है मुझसे।
हिन्दी हूँ मैं.....
अक्षरों का भंडार हूँ ,
हर बात में समर्थ हूँ ,
सुन्दर हूँ, सशक्त हूँ,
सूक्ष्म से विस्तार हूँ।
हिन्दी हूँ मैं.....
कठिन से कठिन को सारांश दे दूँ,
सहज से सहज को विस्तृत कर दूँ,
बहुत ही सरल हूँ,
बोली में मीठी तरल हूँ।
हिन्दी हूँ मैं....
अलंकार से समृद्ध हूँ,
मात्राओं से सुशोभित हूँ,
गद्य, पद्य, छंद व चौपाई सहित,
मैं रसों की खान हूँ।
हिन्दी हूँ मैं.....
रमणीय भाषा का अवतार हूँ,
स्वतंत्रता की सूत्रधार हूँ,
मैं एक सम्मान हूँ,
.....और.....
हिन्दुस्तान की पहचान हूँ मैं।
हिन्दी हूँ मैं.....।
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धुआं ...
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Bahut khoob👌...tumahre sabd dil ko choo le lete hai..🤩
जवाब देंहटाएंThanku so much❤❤
हटाएंBahut accha likhti hain aap
जवाब देंहटाएंBahut शुक्रिया 😊
हटाएंThese lines are lit for our Hindi Language ❤️
जवाब देंहटाएंThanks a lot 🙏
हटाएंGood elucidation for our Great Hindi👍
जवाब देंहटाएंThanku so much😊
हटाएंthanks a lot
हटाएंBahot badhiya👌👌👌
जवाब देंहटाएंthanku ❤️
हटाएं👍👍
जवाब देंहटाएंWaah
जवाब देंहटाएंThanks 😊
जवाब देंहटाएंBahot khub likha hai
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