Poetry in Hindi on life: आस और विश्वास

Poetry in Hindi on life: आस और विश्वास

......आस और विश्वास .....



फिर जागी एक इच्छा ,

जागी एक और आस ।

कुछ नजर में कुछ हृदय में ,

कुछ जाती हुई दूर, कुछ आती है पास ।

भागेगा इंसान पूरा करने इसे ,

नहीं ज्ञान है भविष्य का जिसे ।

फिर इच्छा बनेगी प्रतीक्षा ,

होगा मस्तिष्क में संवाद व मन में समीक्षा ।

मिला कारवाँ में एक और विश्वास ,

अब चाहे हो जीवन या हो विनाश ।

तो क्या करे इन्सान भी ,

जीवन भी तो जीना है अभी ।

यहीं इच्छा और आस तो  

जीवन का मार्ग बनाता है ।

भविष्य का मोह ही तो  

इसे आगे बढ़ाता है ।

ज़रूरी है ये आस ,

टिका रहेगा आसमाँ ।

यहीं तो है विश्वास ....।




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