जिंदगी भी चाय की तरह है।
कुछ कम-ज्यादा हुआ तो,
स्वाद ही बदल जाता है ।
यूँ ही.....
कभी मिठास से भरी,
तो कभी फीकी सी ।
कभी गाढ़ी तो ,
कभी हल्की सी ।
कभी इलायची सी महक जाती है ,
कभी सादी सादी सी रह जाती है।
कभी कड़क तो कभी पानी सी ,
कभी पूरी तो कभी आधी ही।
चाय के विभिन्न रंग समझो तो,
हर रूप दिखा जाता है ।
जिंदगी के हालातों को ये
चाय.....
अपने विविध ज़ायकों से बता जाता है।
Amazing comparison between tea and life👌🏼👌🏼👏🏻👏🏻
जवाब देंहटाएंThanku so much
हटाएंबखूबी वर्णन किया है आपने, बहुत अच्छा लगा। आगे भी ऐसे लिखते रहे। धन्यवाद
जवाब देंहटाएंThanku so much
हटाएंWaah waah👏🏻👏🏻👏🏻
जवाब देंहटाएंthank you 😊
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