मुझको अंधेरे में रखा,
ये सोच तुम्हारी है,
भर दी रौशनी हमने यहाँ...
ये बात हमारी है।
मुझे अकेला है कर देना,
ये नियत तुम्हारी है,
हर महफ़िल को सजा देना...
ये कुबत हमारी है।
पैसे लगाए...दिमाग से खेला,
वो रईसी तुम्हारी है,
हमने घर को दिलों से सजाया...
ये शोहरत हमारी है।
हम तुम्हें भूल जाएं,
ये ज़िल्लत तुम्हारी है,
तुम हमे भूल ना सकोगे....
ये शिद्दत हमारी है ।
तुम हमें जानते हो,
ये किस्मत तुम्हारी है,
हम अपने दिल से जाने जाते है...
ये पहचान हमारी है।
तुम निभा ना पाए ये रिश्ता,
ये बदनसीबी तुम्हारी है,
हम तो टूटे रिश्तों को भी निभाते है....
ये अदा हमारी है।
Awesome thoughts,penned down in extremely proper words...there is ocean in this cup(of words).
जवाब देंहटाएंThanku so much ❤❤❤
हटाएंBahut sundar
जवाब देंहटाएंThankuu so much❤❤
हटाएं👍👍
जवाब देंहटाएंThanku
हटाएंVery nice
जवाब देंहटाएंThankuuu
हटाएंबहुत खूब लिखा है👌👌👌👌😍😍😍
जवाब देंहटाएंYour write-up is awesome,👍👍
जवाब देंहटाएंGud1👍👍
जवाब देंहटाएंThanku
हटाएंAmazing
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जवाब देंहटाएंWonderful👍👍👍
Wonderful👌👌👌
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