सुन बादल सुन क्या तुम
शिव जी से मिल कर आए हो
अपनें मन की बरखा को
क्या वहां बरसा कर आए हो
मेरा भी एक काम करो तो
एक बार मेरी भी सुन लो ना
मेरे मन के बादल को
कैलाश में जाकर बरसा दो ना
कह देना महादेव से
एक बार मुझे भी बुलावा दें
संग गौरी मां के साथ
एक झलक मुझे भी दिखला दें
मेरे प्रेम के बेल पत्र को
क्या तुम वहां ले जाओगे
पाकर शिव जी के चरणों में
मेरे भाव समर्पित कर आओगे
कुछ कर सकते हो वो तुम्ही हों
ऐसे ही थोड़े पूरे आकाश में छाए हो
सुन बादल सुन क्या तुम
शिव जी से मिल कर आए हो
शिव जी से मिल कर आए हो
अपनें मन की बरखा को
क्या वहां बरसा कर आए हो
मेरा भी एक काम करो तो
एक बार मेरी भी सुन लो ना
मेरे मन के बादल को
कैलाश में जाकर बरसा दो ना
कह देना महादेव से
एक बार मुझे भी बुलावा दें
संग गौरी मां के साथ
एक झलक मुझे भी दिखला दें
मेरे प्रेम के बेल पत्र को
क्या तुम वहां ले जाओगे
पाकर शिव जी के चरणों में
मेरे भाव समर्पित कर आओगे
कुछ कर सकते हो वो तुम्ही हों
ऐसे ही थोड़े पूरे आकाश में छाए हो
सुन बादल सुन क्या तुम
शिव जी से मिल कर आए हो