जिंदगी जी तो रहे है सभी,
पर यहां जिंदा कौन है।
हंसते हंसते तो सभी दिखते है,
पर सच बताओ यहां खुश कौन है।
मजाक उड़ाया है अक्सर लोगों ने लोगों का,
पर समझना की असल में मजाक बनता कौन है।
आवरण में योग,ध्यान से शांत करके देख लिया,
पर ये अंदर शोर करता कौन है।
आईने में संवरते रोज़ सभी है,
अंतर्मन को पर संवारता कौन है।
जो चार लोग दुनिया के चार बातें करते हैं,
फिर उनके लिए वहीं परम्परा निभाता कौन है।
दुसरो में कमी दिखती जो आसानी से है..पर,
खुद की कमी न दिखे ये बादल बनाता कौन है।
जिंदगी जी तो रहे है सभी,
पर यहां जिंदा कौन है....???????