सब रूप जिंदगी के

सब रूप जिंदगी के

 🍃🍃 जीवन 🍃🍃


कभी अंत कभी आगाज, 
कभी मौन कभी अल्फाज।
कभी सशक्त जीता है,
कभी परस्त ये गिरता है ।
कभी स्वेच्छा से चलता है ,
कभी इच्छाओं से खेलता है ।
कभी अश्कों में बहता है ,
कभी खुशियो से सजता है ।

इस तरह हर छण गुज़र जाता है, 
ये जीवन है बड़े रूप दिखाता है ।

कभी उल्फत में कटें रातें, 
कभी यादों का बसेरा है। 
कभी रंगीनियाँ छाए, 
कभी बेरंग सा दिखता है। 
कभी महफिल में खो जाए, 
कभी अकेलापन सताता है। 
कभी कड़कती धूप में भी खुश,
कभी छाए में भी सुकून ना आए ।
कभी सावन सा झूमे मन ,
कभी पतझड़ सा जिया जाए ।

बस यूँ ही हर पल बीत जाता है ,
ये जीवन है बड़े रूप दिखाता है....।

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