लफ़्ज़ और अल्फाज

लफ़्ज़ और अल्फाज

 

      मेरे इश्क़ को ना तौल लफ्जों से 

      अक्सर अश्क रोक देते है अल्फाजों को....


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अश्क और अल्फाज साथ नहीं देते एक दूसरे का 

...अक्सर..

अश्क बह जाते है, अल्फाज़ रोक नहीं पाते 

...कभी... 

अल्फाज़ बोल जाते है और अश्क थम से जाते हैं 

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भावों की परिभाषा के अल्फाज होते हैं......आंसू  ।

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मेरा इश्क मोहताज़ नहीं लफ्जों के 

अक्सर अश्क भारी होते है अल्फाजों पे....


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