⛅ बादल ⛅
मैं बादल बन जाउँ ...☁️☁️मैं इतराउं मैं ईठलाउंऔर दूर कहीं मैं उड़ जाउँ ।मैं बादल बन जाउँ...न पकड़ सके न जकड़ सके ,किसी के हाथ न आऊँ ।मैं बादल बन जाउँ ...न शहर देखूं न पहर देखूं ,न कोई संग न विरह देखूं ,मैं कुछ ऐसी फितरत बन जाउँ ।मैं बादल बन जाउँ ...मैं उड़ू दूर पहाड़ों पर ,नदियों के उपर से निकल जाउँ ,अभी बरसु नहीं ये खुद को समझाऊँ ।मैं बादल बन जाउँ ...मैं खेत खेत, मैं बाग बाग,मैं चिड़ियों की सुनते राग राग ,मैं इंद्रधनुष के रंगों से रंगकर🌈,आसमान में लहराउं ।मैं बादल बन जाउँ ....हरियाली देख मन उमड़ रहा ,न बरस तू थोड़ा संभल जरा ,एक हल्की हवा से मैं उड़ जाउँ ।मैं बादल बन जाउँ ...जहाँ दूर दूर तक बस बंजर और रेत है ,न पानी की बूँद न हरियाले खेत है ,बस वही जाकर जोर से बरस जाउँ। 🌧🌧मैं बादल बन जाउँ ।
👌🏼👌🏼👌🏼👌🏼
जवाब देंहटाएं👏👏👏👌👌👌
जवाब देंहटाएं👍👍
जवाब देंहटाएंGreat👍👍🙇
जवाब देंहटाएं👍
जवाब देंहटाएंGood write
जवाब देंहटाएंthanks to all😊
जवाब देंहटाएंKya khub likhe ho... Ekdum jhakash😍😍
जवाब देंहटाएंThanku 😊
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