~~ गंगा ~~
सब दूर दूर हो गये,
पर " गंगा " दूर न हो पाई...
कुछ सूख गयीं, कुछ मिल गयी सागर में ,
' गंगा 'अभी भी हमसे मुंह न फेर पाई...
दफ़न न हुए जो बदल गए राख में ,
'गंगा 'अभी भी राख को खुद में समाए जा रही..
सब दूर दूर हो गये ,
पर 'गंगा 'दूर न हो पाई... ।
well expressed 👏
जवाब देंहटाएं😊 thanku
हटाएंBeautiful ❤️
जवाब देंहटाएंBahut khoobsurat rachana shabdo ki abhivyakti bahut sunder hai
जवाब देंहटाएंBahut sunder rachana,shabdon ki khoobsurat abhivyakti
जवाब देंहटाएंBahut khoobsurat abhivyakti
जवाब देंहटाएंThanks to all 🙏
जवाब देंहटाएंKya baat hai.... Awesome👍
जवाब देंहटाएंKya khub likha hai...har har gange
जवाब देंहटाएं👍👍
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