जिंदगी ,हिंदी कविता, hindi poetry

जिंदगी ,हिंदी कविता, hindi poetry



जिंदगी को कुछ बेहतर बनाने की सोची 
कुछ याद रखी हुई बातों को भुलाने की सोची 

जो आज इसके तो कल उसके साथ चले 
ऐसे दिखावे की भीड़ को हटाने की सोची 

कुछ अनमोल रिश्तों को सम्भाला है दिल में 
उसे निस्स्वार्थ ताउम्र निभाने की सोची 

बेवजह की बातों में उलझना है क्यों अब 
कुछ बेफिक्र आसमा में उड़ने की सोची 

यक़ीन मानिये बड़ा सुकूं मिला दिल को 
जो कम सुनने और कम सुनाने की सोची

कुछ ख़ुद को भी देख लूँ.. कुछ संवार लूँ अब 
कि खुद से दिल लगाने की सोची 

कुछ छुपी हसरतों की छुपी पोटली खोली है 
आज खुद को खुश करने की सोची 


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