जिंदगी को कुछ बेहतर बनाने की सोची
कुछ याद रखी हुई बातों को भुलाने की सोची
जो आज इसके तो कल उसके साथ चले
ऐसे दिखावे की भीड़ को हटाने की सोची
कुछ अनमोल रिश्तों को सम्भाला है दिल में
उसे निस्स्वार्थ ताउम्र निभाने की सोची
बेवजह की बातों में उलझना है क्यों अब
कुछ बेफिक्र आसमा में उड़ने की सोची
यक़ीन मानिये बड़ा सुकूं मिला दिल को
जो कम सुनने और कम सुनाने की सोची
कुछ ख़ुद को भी देख लूँ.. कुछ संवार लूँ अब
कि खुद से दिल लगाने की सोची
कुछ छुपी हसरतों की छुपी पोटली खोली है
आज खुद को खुश करने की सोची
Bahut khoob kha
जवाब देंहटाएंशुक्रिया 😊😊
हटाएं👍👍
जवाब देंहटाएंVery nice👏👏
जवाब देंहटाएंVery nice 👍
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