चाँद पर कविता Hindi Poetry on Love चाँद की बेरुखी चाँद से झगड़ा हो गया वो जा बादलों में छुप गया पर मैं फिर भी निहारती रही उसे देखने को सुबह तक जागती रही मैं तन्हा.. मेरी नम आ… जनवरी 06, 2021