🕉🙏🌺शिव शिव शिव🌺🙏🕉

🕉🙏🌺शिव शिव शिव🌺🙏🕉




हे शिव 🙏

अंतहीन, अनंत तू । 
अर्ध्य तू, संपन्न तू ।
 तू चिर शान्त में । 
तू ही शंखनाद में । 
शून्य से अस्तित्व में । 
तू तपस्वी की भक्ति में । 
तू ही अघोरी की रात में । 
तू ज्ञात में,अज्ञात में । 
सती में विलीन तू ,
 गौरी के अधीन तू , 
सूक्ष्म तू विराट तू , 
सत्य में साकार तू ।
सहस्त्र ज्ञान के परे , 
विश्व के विष को हरे । 
एक मे साकार तू । 
त्रिकाल तू महाकाल तू ।
 सर्व दुख दूर करे , 
असंख्य कष्ट को हरे ।
 प्रेम भी तू ,तू भक्ति में । 
सर्व देव की शक्ति में । 
भगवान भी तू , सखा भी तू ।
 सत्व मे तू ,सत्य भी तू ।
 सदय है तू , संहार तू ।
 🕉ओम के आकार में तू 
योग,नृत्य ,यौवन सब गुण , 
तुमसे ही उत्पन्न है । 
तू ही जगद्व्यापी,
तू ही जगतगुरु है । 
तू गौरवर्ण,तू वामदेव , 
हर हर हर महादेव 🙏🙏 
हम सबका कल्याण कर , 
हे शशिशेखर ,हे शिव शंकर। 
जटाओं में तेरे गंगा सारी , 
कवची तू ,तू कैलाशवासी । 
तू सामप्रिय ,तू ही अनीश्वर ।
 जय परमात्मा, जय महेश्वर। 
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9 टिप्पणियाँ

  1. बहुत ही सुन्दर
    शिव भक्ति ❤️🙏

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  2. बहुत ही सुन्दर
    शिव भक्ति ❤️🙏

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