माफ करियेगा .....अब वो बात रही नहीं

माफ करियेगा .....अब वो बात रही नहीं

अब वो बात रही नहीं.....

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माफ करिएगा, अब वो बात रही नहीं

आजकल हाय हेलो तो सभी करते हैं पर,
हाथ जोड़कर ...नमस्ते करने की आदत रही नहीं । 
हाथ में मोबाइल लेकर, भाग रहा है हर कोई पर,
घरों, गलियों और चौराहों की वो बातें रही नहीं ।
बातों व ब्यवहारों मे जो लिहाज रहा करता था,
अब वो आंखो की हया रही नहीं ।
 
माफ करिएगा, अब वो बात रही नहीं

गूगल खोल कर सब जान लेते है लोग,
दादी,नानी से पूछने की, आदत अब रही नहीं ।
आज “OK Dad, NO Dad” करते हैं बच्चे,
“ जी पिताजी ”  कहने की आदत अब रही नहीं ।

माफ करिएगा, अब वो बात रही नहीं
      
Facebook, WhatsApp पर, हाल मिल जाताहै सबका,
हर शाम मिलने का समय अब रहा नहीं ।
आज सेहत लोग सलाद और “ Green Tea” से बनाते हैं,
वो शाम की चाय संग , पकौड़ो की मौज रही नहीं । 

 माफ करिएगा, अब वो बात रही नहीं....





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