शिकायतें my best poetry in hindi on life
शिकायतों से क्या मिला ना कोई अपना हुआ , जो था...वो भी पराया हुआ । हाँ...शिकायतें कुछ तो तेरी लाजमी थी , पर कुछ बेबुनियाद और बेव…
शिकायतों से क्या मिला ना कोई अपना हुआ , जो था...वो भी पराया हुआ । हाँ...शिकायतें कुछ तो तेरी लाजमी थी , पर कुछ बेबुनियाद और बेव…
......आस और विश्वास ..... फिर जागी एक इच्छा , जागी एक और आस । कुछ नजर में कुछ हृदय में , कुछ जाती हुई दूर, कुछ आती ह…
हिन्दी हूँ मैं...... भाषाओं में सर्वश्रेष्ठ हूँ मैं , ज्ञानियों का अभिमान हूँ मैं, हर भाव के लिए शब्द है मुझमें हर शब्द के अलग …
जिंदगी भी चाय की तरह है। कुछ कम-ज्यादा हुआ तो, स्वाद ही बदल जाता है । यूँ ही..... कभी मिठास से भरी, तो कभी फीकी सी । कभी गाढ़…
~~~ मैं उठता धुआं ~~~ मैं उठता हुआ धुआं.... मेरी अपनी महक और...है अपनी भाषा। अक्सर दिख जाता हूँ कहीं कहीं, कोई अवसर हो य…
🍃🍃 जीवन 🍃🍃 कभी अंत कभी आगाज, कभी मौन कभी अल्फाज। कभी सशक्त जीता है, कभी परस्त ये गिरता है । कभी स्वेच्छा से चलता है , कभी…